Amazon

Yashika Plain Women's Elegant Chiffon Saree with Blouse Material-Embrace Trendy Style and Timeless Elegance in This Exquisite Attire https://amzn.to/4nDMDU3

सोमवार, 30 जून 2025

वैदिक वास्तु शास्त्र विद्या :

वैदिक वास्तु शास्त्र विद्या :

वैदिक वास्तु शास्त्र के अनुसार पति-पत्नी जिस कमरे में सोते हों, वहां नहीं होनी चाहिए ये चीजें ।

पति-पत्नी के जीवन में बेडरूम का बहुत महत्व है। 

वास्तु के अनुसार, बेडरूम में रखी चीजें रिश्तों पर असर डालती हैं। 

यदि पति-पत्नी के बीच आपसी तालमेल अच्छा हो लेकिन कमरे में कोई वास्तु दोष हो तो वैवाहिक जीवन में पूर्ण संतुष्टि नहीं मिल पाती है। 

जानें पति पत्नी के कमरे को लेकर वास्तु के नियम।

पति - पत्नी के जीवन में बेडरूम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 

बेडरूम में रात को सोने से लेकर सुबह उठने तक के समय में पति - पत्नी के बीच नजदीकियां भी बढ़ सकती हैं और दूरियां भी।



 




Perfect S 2 L Wet Grinder | Atta Kneader 110-volt | For Home Usa & CANADA, Purple

https://amzn.to/46YcGyU



ऐसे में किसी भी प्रकार की विपरीत परिस्थिति से बचने के लिए वास्तु के अनुसार बताई गई बातों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है।

पति-पत्नी के जीवन में छोटी-छोटी बातें भी बड़ी भूमिका निभाती हैं, जैसे घर में रखी हर छोटी और सामान्य वस्तु का असर वैवाहिक जीवन पर पड़ता है। 

शयनकक्ष में कोई नकारात्मक वास्तु विपरीत वस्तु रखी है तो इसका असर बहुत तेजी से पति-पत्नी के रिश्तों पर होता है। 

पति-पत्नी का जीवन सुखी और प्यारभरा हो इसके लिए वास्तु शास्त्र का उपयोग अवश्य करना चाहिए। 

वास्तु, फेंगशुई की इन छोटी - छोटी बातों को अपनाने से वैवाहिक जीवन में खुशियां बढ़ती हैं।

पति - पत्नी के सुख पर बुरा असर डालने वाली अनेक चीजें बेडरूम में हो सकती हैं, जिसमें गलत दिशा में लगा दर्पण शामिल है। 

वैदिक वास्तु शास्त्र की मानें तो सोते समय दर्पण में पति - पत्नी का प्रतिबिब दिखाई देने से उनके श्जीवन में कई प्रकार की परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। 

दर्पण के दोषपूर्ण प्रभाव से दोनों के बीच तनाव काफी बढ़ जाता है। 

वास्तु के साथ जब ग्रह-नक्षत्र भी खराब हों तो, ऐसे में ग्रह कलह, तनाव के कारण पति - पत्नी घर के बाहर शांति तलाशने लगते हैं और ऐसे में पति - पत्नी के बीच किसी अन्य व्यक्ति का प्रवेश होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।

दर्पण के अलावा अलमारी रखने की जगह, सोने की दिशा, ग्रह दशा अनुसार रंग के पर्दे एवं बेडशीट का उपयोग, इन सब बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए। 

जैसे अगर पति-पत्नी में से किसी के उपर शनि, राहु की विपरीत दशा चल रही हो तो बेडरूम में नीली रंग की चादर एवं पर्दे विपरीत असर डालते हैं।

पंडारामा प्रभु राज्यगुरु 

**********







ऐसी गर्दन वाले लोग हमेशा रहते हैं मालामाल, गर्दन से जानें अपने भविष्य का राज :

हस्तरेखा शास्त्र में जिस तरह हथेली की रेखाओं को देखकर भविष्य जाना जाता है, उसी प्रकार सामुद्रिक शास्त्र में किसी मनुष्य के शरीर के अलग - अलग अंगों की बनावट देखकर उसके बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है। 

हम सभी की गर्दन की बनावट, ऊंचाई, चौड़ाई अलग - अलग प्रकार की होती है, जो हमें दूसरों से अलग बनाती है। 

गर्दन की शेप और साइज के बारे में सामुद्रिक शास्त्र और हस्तरेखा विज्ञान में बहुत कुछ बताया गया है। 

इसे देखकर आप जान सकते हैं कि आप या सामने वाला व्यक्ति कितना धनवान होगा या उसे जीवन में सफलता पाने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ेगा? 

आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसी गर्दन वाले लोगों को कभी भी पैसों की कमी नहीं होती और गर्दन की बनावट हमें भविष्य के बारे में क्या-क्या बताती है।

समुद्र शास्त्र में शरीर के अलग - अलग अंगों की बनावट को देखकर किसी व्यक्ति के भविष्य और स्वभाव के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है। 

हर किसी की गर्दन की बनावट, ऊंचाई, चौड़ाई अलग - अलग होती है, जिसे देखकर आप पता लगा सकते हैं सामने वाला कैसे स्वभाव का है और उसका भविष्य कैसा हो सकता है। 

आइए विस्तार से जानें गर्दन से जुड़े कई राज...!

+++


ऐसी गर्दन वाले होते हैं भाग्यशाली : 

हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, जिन लोगों की गर्दन छोटी होती है वे बहुत ज्यादा भाग्यशाली होते हैं। 

इन लोगों को जीवन में कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होती है। 

साथ ही, इनका स्वभाव भी बहुत अच्छा होता है। 

छोटी गर्दन वाले लोग बहुत ईमानदार होते हैं। 

ये लोग कोई भी रिश्ता पूरी ईमानदारी के साथ निभाते हैं और उनका साथ देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। 

अपनी मेहनत और किस्मत के चलते ये जीवन में खूब कामयाबी हासिल करते हैं। 

इनको भाग्य का पूरा साथ मिलता है। 

ये जिस भी काम में हाथ डाल दें, उसे पूरा करके ही दम लेते हैं।

राजा जैसा सुख उठाते हैं ऐसे लोग :

माना जाता है कि जिन लोगों की गर्दन शंख के समान नजर आती है, उसे बहुत शुभ माना जाता है। 

हस्तरेखा विज्ञान के मुताबिक, ऐसे लोग जीवनभर राजा जैसा सुख उठाते हैं। 

ये लोग करियर के मामले में जिस भी क्षेत्र में जाते हैं वहां बड़ा पद हासिल करते हैं और खूब तरक्की पाते हैं। 

यही कारण है कि इन्हें पैसों की दिक्कत भी ज्यादा नहीं होती है। 

करियर के अलावा घर में भी ये लोग राजा जैसा सुख ही उठाते हैं।

इन लोगों को करना पड़ता है संघर्ष :

समुद्र शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की गर्दन लंबी और चपटी होती है उन्हें जीवन में काफी ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है। 

इन्हें अपने जीवन में सुख बहुत कम हासिल होता है और करियर के मामले में सफलता हासिल करने के लिए ये लोग कड़ी मेहनत करते हैं। 

साथ ही, लंबी और चपटी गर्दन वाले लोग साधारण जीवन जीना पसंद करते हैं। 

इन लोगों के मन में हमेशा कोई न कोई विचार आता ही रहता है। 

ऐसे में ये अपने जीवन में कोई भी फैसला सोच - समझकर ही लेते हैं।

+++
+++

ऐसे लोग जीवनभर रहते हैं मालामाल :

जिन लोगों की गर्दन गोल और मजबूत होती है, उन्हें जीवनभर कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है। 
इसके पीछे की वजह है कि ऐसी गर्दन वाले लोग अपने में जीवन में खूब धन कमाते हैं और हमेशा मालामाल रहते हैं। 

इन लोगों को जो भी वस्तु पसंद हो, उसे वे हासिल करते हैं। 

ये लोग कोई भी काम या फैसला जल्दबाजी में नहीं लेते हैं, क्योंकि मजबूत और गोल गर्दन वाले लोग बहुत धैर्यवान होते हैं। 

साथ ही, अपने कार्यस्थल पर ये नेतृत्व की भूमिका निभाने वाले होते हैं और स्वभाव से थोड़े जिद्दी हो सकते हैं।

ऐसे लोग होते हैं बहुत बलवान :

हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, जिन लोगों की गर्दन बहुत ज्यादा मोटी होती है वे बहुत बलवान होते हैं। 

साथ ही, ये लोग कोई भी काम पूरी ईमानदारी और दृढ़ निश्चय के साथ करते हैं। 

इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति की गर्दन चार उंगली जितनी लंबी हो, तो उसे सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। 

ऐसे लोग जीवन खूब, प्रेम, धन और तरक्की पाते हैं। 

इन लोगों का स्वभाव भी बहुत कोमल और अच्छा होता है। 

ये हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार होते हैं और करियर में भी खूब तरक्की हासिल करते हैं।

!!!!! शुभमस्तु !!!


🙏हर हर महादेव हर...!!

जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏


पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर: -

श्री सरस्वति ज्योतिष कार्यालय

PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 

-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-

(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 

" Opp. Shri Satvara vidhyarthi bhuvn,

" Shri Aalbai Niwas "

Shri Maha Prabhuji bethak Road,

JAM KHAMBHALIYA - 361305 (GUJRAT )

सेल नंबर: . + 91- 9427236337 / + 91- 9426633096  ( GUJARAT )

Vist us at: www.sarswatijyotish.com

Skype : astrologer85

Email: prabhurajyguru@gmail.com

Email: astrologer.voriya@gmail.com

आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 

नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....

जय द्वारकाधीश....

जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

सोमवार, 16 जून 2025

वास्तु दोष दूर करने के उपाय :

वास्तु दोष दूर करने के उपाय :

वास्तु दोष दूर करने के उपाय :

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर से परेशानियां ख़तम नहीं हो रहीं हैं, पैसा टिक नहीं रहा हैं तो इसके लिए आपके घर का वास्तु दोष कुछ हद तक ज़िम्मेदार होता हैं। 

जैसे हम मनुष्य घर में मुख्य दरवाजे से प्रवेश करते हैं वैसे ही घर में नकारात्मक ऊर्जा और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश भी मुख्य द्वार से ही होता है।




Hawai 24k Gold Plated Siddha Sampoorna Vastu Dosh Nivaran Yantra for Home Office Business Place Puja Ghar Worship, 23x23cm SFDI34

https://amzn.to/4ea4RcQ


उत्तर - पूर्व ( ईशान कोण ) जल तत्व, उत्तर - पश्चिम ( वायव्य कोण ) वायु तत्व, दक्षिण - पूर्व ( आग्नेय कोण ) अग्नि तत्व, दक्षिण - पश्चिम ( नैऋत्य कोण ) पृथ्वी तत्व, ब्रह्म स्थान ( मध्य स्थान ) आकाश तत्व। 

यह जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी और आकाश, पंच महाभूत तत्व कहे जाते हैं। 

जिनसे मिलकर हमारा शरीर बना है। 


+++

+++


इस प्रकार इन दिशाओं के अनुरूप गृह में निर्माण करवाने से घर में वास्तु दोष नहीं होते है। 

अगर आपके घर में भी वास्तु दोष है तो हम आपकों कुछ ऐसे उपाय बता रहें है, जिससे आप बिना ज्यादा खर्च करते हुए वास्तु दोष का निवारण कर सकते है।




Hawai 24k Gold Plated Siddha Sampoorna Vastu Dosh Nivaran Yantra for Home Office Business Place Puja Ghar Worship, 23x23cm SFDI34

https://amzn.to/4ea4RcQ


वास्तु दोष टिप्स : 


इस तरह लगाएं स्वस्तिक: भारतीय संस्कृति में स्वस्तिक का विशेष महत्तव प्राप्त है। 

वास्तु विज्ञान के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर से नौ अंगुल लंबा, नौ अंगुल चौड़ा स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। 


+++

+++


ऐसा करने से चारो ओर से आ रही  नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और वास्तुदोष भी हटता है।





Shri Vastu Purush Yantra Home Vastu Office Shop Mandir Pooja Room Health Wealth Success Peace Prosperity Good Vibes | Shree Vastu Chakra Yantra

https://amzn.to/43KMnMo


रसोई में लगाएं बल्ब: वास्तु विज्ञान में रसोई घर को घर की सुख समृद्धि के लिए बहुत ख़ास माना गया है। 

अगर रसोई गलत स्थान पर है तो अग्निकोण में बल्ब लगा दें और हर रोज ध्यान से उस बल्ब को जलाएं। 

इससे आपके घर का वास्तु दूर हो जाएगा |


+++

+++


घोड़े की नाल: वास्तु के अनुसार घर में घोड़े की नाल टांगना शुभ होता है। 

काले घोड़े की नाल मुख्य द्वार पर लगाने से सुरक्षा एवं सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। 

घोड़े की नाल का आकर यू शेप होता है। 

ध्यान रहे, घोड़े की नाल अपने आप गिरी होनी चाहिए।




Vail Creations Vastu Purush Yantra Copper Original for Home Vastu Pooja Office Money Shop Business | Vastu Chakra Yantra

https://amzn.to/4e4M96h


रामचरितमानस का पाठ कराएं: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का वास्तु दोष के दूर करने के लिए घर में 9 दिन तक रामचरित मानस का पाठ कराएं। इससे घर का वास्तु दोष दूर होता हैं। 

साथ ही आप 9 दिन तक अखंड कीर्तन भी करा सकते हैं। 

इस कीर्तन से वास्तुजनित दोष का निवारण होता हैं।


+++

+++


इस दिशा में मुँह करके सोएं: वास्तु के अनुसार, अगर आप पश्चिम की और मुँह करके सोते हैं तो आपको बुरे सपने आ सकते हैं। 

पेट से संबंधित बिमारी हो सकती है। 

वही अगर आपको नींद नहीं आती, जिससे आपका स्वभाव चिड़चिड़ा रहता है तो आपको दक्षिण दिशा में सोना चाहिए। 

इससे आपके स्वभाव में बदलाव होगा और अनिद्रा की स्थिति में भी सुधार होगा।




BUYOTA CRYSTAL Handcrafted Pyrite Dust Plate with Wooden Frame Engraved for Attract Money, Aura Cleansing, Chakra Healing (Shree Lakshmi Yantra Engraved, 7x7 Inch)

https://amzn.to/405f0RW


इस दिशा में न रखे कचरा: घर के उत्तर - पूर्व में कभी भी कचरा इक्क्ठा न होने दे और ना ही इधर भारी मशीन रखें। 

इससे आपके घर में वास्तु दोष लगता है। 

साथ ही आप अपने वंश की उन्नति के  लिए मुख्य द्वार पर अशोक का वृक्ष दोनों और लगाएं। 

इस से आपके घर का वास्तु दोष दूर होगा  साथ ही नकारात्मक ऊर्जा कभी घर में प्रवेश नहीं करेगी।पंडारामा प्रभु राज्यगुरु 


!!!!! शुभमस्तु !!!


🙏हर हर महादेव हर...!!

जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏


पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर: -

श्री सरस्वति ज्योतिष कार्यालय

PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 

-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-

(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 

" Opp. Shri Satvara vidhyarthi bhuvn,

" Shri Aalbai Niwas "

Shri Maha Prabhuji bethak Road,

JAM KHAMBHALIYA - 361305 (GUJRAT )

सेल नंबर: . + 91- 9427236337 / + 91- 9426633096  ( GUJARAT )

Vist us at: www.sarswatijyotish.com

Skype : astrologer85

Email: prabhurajyguru@gmail.com

Email: astrologer.voriya@gmail.com

आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 

नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....

जय द्वारकाधीश....

जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

बुधवार, 11 जून 2025

दक्षिण दिशा में भोजन करना :

दक्षिण दिशा में भोजन करना :

दक्षिण दिशा में भोजन करना मृत्यु कारक होता है आओ जानें :

दक्षिण दिशा में मुंह करके खाना खाना, आपको अकाल मृत्यु की ओर ले जाता है। 

वास्तव, माना जाता है कि ये दिशा मरे हुए लोगों की है और इस दिशा में ऐसी ही ऊर्जा रहती है। 

जब आप इस दिशा में खाना खाते हैं तो ये नकारात्मक ऊर्जा आपके खाने में मिल जाती है या फिर आपके खाने का एक भाग इन्हें भी जाने लगता है। 




ARKAM Brass Meru Shri Yantra/Meru Shree Yantra/Pital Meru Yantra - Solid/ 3D Meru Shri Yantra (4x4 inches)

https://amzn.to/4kXg4zl


फिर लगातार ये काम करना इनके साथ संपर्क बढ़ाता है और मृत्यु की दिशा क्रियाशील हो जाती है और आप या आपका कोई विशेष अचानक से अकाल मृत्यु की ओर जाता है।

खाने की सही दिशा क्या है-खाने की सही दिशा है पूर्व। 

वास्तव में, इस दिशा में खाना मानसिक तनाव को दूर करता है और आपके पाचन क्रिया को सही करता है। 

इसके अलावा इस दिशा में खाना खाने से आप स्वस्थ्य रहते हैं। 

इतना ही नहीं इस दिशा में खाना खाने से आपके माता-पिता का भी स्वास्थ्य उत्तम रहता है।


++++

भोजन करने के नियम सनातन धर्म के अनुसार..........!

.

खाने से पूर्व अन्नपूर्णा माता की स्तुति करके उनका धन्यवाद देते हुये, तथा सभी भूखों को भोजन प्राप्त हो इर्श्वर से ऐसी प्रार्थना करके भोजन करना चाहिये।

गृहस्थ के लिये प्रातः और सायं ( दो समय ) ही भोजन का विधान है।

दोनों हाथ, दोनों पैर और मुख, इन पाँच अंगों को धोकर भोजन करने वाला दीर्घजीवी होता है।

भींगे पैर खाने से आयु की वृद्धि होती है।

सूखे पैर, जुते पहने हुये, खड़े होकर, सोते हुये, चलते फिरते, बिछावन पर बैठकर, गोद मे रखकर, हाथ मे लेकर, फुटे हुये बर्तन में, बायें हाथ से, मन्दिर मे, संध्या के समय, मध्य रात्रि या अंधेरे में भोजन नहीं करना चाहिये।

रात्रि में भरपेट भोजन नहीं करना चाहिये।

रात्रि के समय दही, सत्तु एव तिल का सेवन नहीं करना चाहिये।

हँसते हुये, रोते हुये, बोलते हुये, बिना इच्छा के, सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिये।

पूर्व की ओर मुख करके खाना खाने से आयु बढ़ती है।

उत्तर की ओर मुख करके भोजन करने से आयु तथा धन की प्राप्ति होती है।

दक्षिण की ओर मुख करके भोजन करने से प्रेतत्व की प्राप्ति होती है।

पश्चिम की ओर मुख करके भोजन करने से व्यक्ति रोगी होता है।

भोजन सदा एकान्त मे ही करना चाहिये।

यदि पत्नि भोजन कर रही हो, तो उसे नहीं देखना चाहिये।

बालक और वृद्ध को भोजन करने के बाद स्वंय भोजन ग्रहण करें।

बिना स्नान, पूजन, हवन किये बिना भोजन न करें।

बिना स्नान ईख, जल, दूध, फल एवं औषध का सेवन कर सकते हैं।

किसी के साथ एक बर्तन मे भोजन न करें। 

( पत्नि के साथ कदापि नहीं ) अपना जूठा किसी को ना दें, ना स्वंय किसी का जुठा खायें।

काँसे के बर्तन में भोजन करने से (रविवार छोड़कर) आयु, बुद्धि, यश और बल की वृद्धि होती है।

परोसे हुये अन्न की निन्दा न करें, वह जैसा भी हो, प्रेम से भोजन कर लेना चाहिये। 

सत्कारपूर्वक खाये गये अन्न से बल और तेज की वृद्धि होती है।

ईर्ष्या, भय, क्रोध, लोभ, राग और द्वेष के समय किया गया भोजन शरीर मे विकार उत्पन्न कर रोग को आमन्त्रित करता है।

भोजन में पहले मीठा, बीच मे नमकीन एवं खट्टी तथा अन्त में कड़वे पदार्थ ग्रहण करें।

कोई भी मिष्ठान्न पदार्थ जैसे हलवा, खीर, मालपूआ इत्यादि देवताओ एवं पितरों को अर्पण करके ही खाना चाहिये।

जल, शहद, दूध, दही, घी, खीर और सत्तु को छोड़कर कोई भी पदार्थ सम्पुर्ण रूप से नहीं खाना चाहिये। (अर्थात् बिल्कुल थोड़ा सा थाली मे छोड़ देना चाहिये)।

जिससे प्रेम न हो उसके यहाँ भोजन कदापि न करें।

मल मूत्र का वेग होने पर, कलह के माहौल में, अधिक शोर में, पीपल, वट वृक्ष के नीचे, भोजन नहीं करना चाहिये।

आधा खाया हुआ फल, मिठाइयाँ आदि पुनः नहीं खानी चाहिये।

खाना छोड़ कर उठ जाने पर दोबारा भोजन नहीं करना चाहिये।

गृहस्थ को ३२ ग्रास से अधिक नहीं खाना चाहिये।

थोडा खाने वाले को आरोग्य, आयु, बल, सुख, सुन्दर सन्तान, और सौन्दर्य प्राप्त होता है।

जिसने ढिंढोरा पीट कर खिलाया हो वहाँ कभी न खायें।

कुत्ते का छुआ, श्राद्ध का निकाला, बासी, मुँह से फूंक मरकर ठण्डा किया, बाल गिरा हुआ भोजन, अनादर युक्त, अवहेलना पूर्ण परोसा गया भोजन कभी न करें।

कंजूस का, राजा का, चरित्रहीन के हाथ का, शराब बेचने वाले का दिया भोजन कभी नहीं करना चाहिये।

भोजन बनने वाला स्नान करके ही शुद्ध मन से, मन्त्र जप करते हुये ही रसोयी में भोजन बनायें और सबसे पहले ३ रोटियाँ अलग निकाल कर ( गाय, कुत्ता, और कौवे हेतु ) फिर अग्नि देव का भोग लगा कर ही घर वालों को खिलायें।


+++

+++


भीष्म पितामह ने अर्जुन को 4 प्रकार का भोजन न करने की सलाह दी थी...

.

1. जिस थाली को क़ोई व्यक्ति लांघ कर गया हो वह भोजन नाली में पड़े कीचड़ के समान है! वह भोजन योग्य नहीं है!

2. जिस थाली को ठोकर लग गई या पांव लग गया वह भोजन भिष्टा के समान है! वह भोजन योग्य नहीं है!

3. जिस भोजन की थाली में या भोजन में बाल (केश) पड़ा हो वह दरिद्रता के समान है! भोजन योग्य नहीं है!

4. जिस थाली में पति पत्नी एक साथ भोजन कर रहे हों वह भोजन भी योग्य नहीं है! लेकिन पत्नी अगर अपने पति की झूठी थाली या पति का झूंठा खाती है तो उसे चारों धाम का पुण्य फल मिलता है!

हे अर्जुन, बेटी अगर कुमारी हो और पिता के साथ एक ही थाली में भोजन करती है, तो उस पिता की कभी अकाल मृत्यु नहीं हो सकती क्योंकि बेटी पिता की अकाल मृत्यु को हर लेती है।


कलावा के उपाय 5 रुपए का कलावा खोलेगा आपकी किस्मत का ताला,घर में धन की कभी नहीं होगी कमी, जानें ये अचूक उपाय


हिंदू धर्म में कलावा बांधने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. किसी भी शुभ मुहूर्त पर कलावा या मौली बांधते ही हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके कई चमत्कारी उपाय भी हैं जिससे धन की प्राप्ति भी होती है.


कलावा जिसे रक्षा सूत्र भी कहा जाता है न सिर्फ एक धागा है बल्कि त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) और त्रिदेवियों (सरस्वती, पार्वती और लक्ष्मी) का प्रतीक भी है. यही कारण है कि ज्योतिष शास्त्र में कलावे से जुड़े कई अचूक उपाय बताए गए हैं. इनमें से एक उपाय है पैसों की कमी को दूर करना. कलावा के इस उपाय को जानते हैं.


उपाय

5 रुपये की कलावे की एक गट्टी लें. उस कलावे की गट्टी को बराबर से 5 हिस्सों में बांटकर काट लें या अलग-अलग कर लें.`


पहला कलावा:- घर में रखे तुलसी के पौधे को बांधें.


दूसरा कलावा:- पीपल के पेड़ को बांधें.


तीसरा कलावा:- घर की पूर्व दिशा में किसी चीज से बांधकर लटकाएं. अगर घर की पूर्व दिशा में ऐसा कोई स्थान या वस्तु नहीं है जहां कलावा बांधा जा सके तो आप घर की तिजोरी में भी कलावा रख सकते हैं या बांध सकते हैं.


चौथा कलावा:- घर के मंदिर पर बांधें.


पांचवां कलावा:- घर की रसोई की खिड़की पर बांधें. अगर घर की रसोई में खिड़की नहीं है तो आप रसोई में जहां आपने पानी का मटका रखा हुआ है उस पर भी बांध सकते हैं.


*इस उपाय को करने से पैसों की भारी से भारी कमी भी धीरे-धीरे दूर होने लग जाती है. साथ ही, घर में पैसा आने लगे इसके भी नए-नए रास्ते खुलने लगते हैं. अगर कहीं पैसा अटक गया है तो वह अटका हुआ धन भी लौट आता है. यह उपाय बहुत ही सरल और प्रभावी है. इसे करने से आपको निश्चित ही लाभ होगा.*





ANI DIVINE Pure Brass Meru Shri Laxmi Yantra | Brass Meru Shree Yantra || 3D Meru Shree Laxmi Yantra - 100 Gram

https://amzn.to/43VDkH0



कुछ अन्य बातें:-

* आप इस उपाय को किसी भी दिन कर सकते हैं.


* आप इस उपाय को करते समय मन में कोई नकारात्मक विचार न रखें.


* आप इस उपाय को करते समय भगवान पर पूरा विश्वास रखें.


* यह उपाय आपको पैसों की कमी से छुटकारा दिलाने में मदद करेगा और आपके घर में सुख-समृद्धि लाएगा. पंडारामा प्रभु राज्यगुरु


!!!!! शुभमस्तु !!!


🙏हर हर महादेव हर...!!

जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏


पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर: -

श्री सरस्वति ज्योतिष कार्यालय

PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 

-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-

(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 

" Opp. Shri Satvara vidhyarthi bhuvn,

" Shri Aalbai Niwas "

Shri Maha Prabhuji bethak Road,

JAM KHAMBHALIYA - 361305 (GUJRAT )

सेल नंबर: . + 91- 9427236337 / + 91- 9426633096  ( GUJARAT )

Vist us at: www.sarswatijyotish.com

Skype : astrologer85

Email: prabhurajyguru@gmail.com

Email: astrologer.voriya@gmail.com

आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 

नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....

जय द्वारकाधीश....

जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

वैदिक वास्तु शास्त्र विद्या :

वास्तु शास्त्र के अंतर्गत प्रत्येक दिशा व कोण का एक स्वामी होता है।  उसी के अनुसार उस दिशा अथवा कोण का उपयोग किया जाता है।  वास्तु शास्त्र क...