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गुरुवार, 20 फ़रवरी 2025

वैदिक वास्तु शास्त्र विद्या : 11

 वैदिक वास्तु शास्त्र विद्या : 11

वैदिक वास्तु शास्त्र विद्या के अनुसार घर के वास्तु से रिश्तों को कैसे बेहतर बनाएं...!

वैदिक वास्तु शास्त्र विद्या के अनुसार घर के वास्तु से रिश्तों को कैसे बेहतर बनाएं...!

घर का मुख्य द्वार सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार होता है। 

वैदिक वास्तु शास्त्र के अनुसार, मुख्य द्वार को उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर रखना शुभ माना जाता है।


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वैदिक वास्तु शास्त्र के सिद्धांत न केवल घर की भौतिक संरचना को संतुलित करते हैं, बल्कि हमारे मानसिक, भावनात्मक और पारस्परिक संबंधों पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। 

अगर आप अपने घर के वास्तु को सही दिशा में तैयार कर लेते हैं तो यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जिससे परिवार के सदस्यों के बीच समझदारी, प्रेम और सहयोग बढ़ता है।

1प्रवेश द्वार का महत्व :


घर का मुख्य द्वार सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार होता है। 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, मुख्य द्वार को उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर रखना शुभ माना जाता है। 

ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो पारिवारिक सदस्यों के बीच आपसी प्रेम और विश्वास को बढ़ाता है। 

इसके अलावा, द्वार के पास साफ-सफाई और सजावट पर विशेष ध्यान दें ताकि आगंतुकों को भी घर की सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हो।
 

2 बैठक कक्ष का आयोजन :


बैठक कक्ष परिवार के मेल-मिलाप का केंद्र होता है। इसे उत्तर या पूर्व दिशा में रखने से घर में सामंजस्य और सकारात्मकता बनी रहती है। 

बैठक कक्ष में आरामदायक सोफे, प्राकृतिक रंगों की दीवारें और पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था रखने से माहौल सुखद बनता है। 

एक साफ-सुथरा और व्यवस्थित बैठक कक्ष सदस्यों के बीच खुलकर संवाद करने में सहायक होता है, जिससे रिश्तों में गर्मजोशी और समझदारी आती है।

3 रसोई और भोजन कक्ष का स्थान :


वास्तु के अनुसार, रसोई घर का वह हिस्सा है जहाँ परिवार के लिए पोषण और ऊर्जा का निर्माण होता है। इसे आग्नेय कोण में रखना उत्तम माना जाता है। 

यदि रसोई घर के दक्षिण-पूर्व हिस्से में स्थित हो तो परिवार के सदस्यों के बीच सहयोग और सामंजस्य बढ़ता है। 

भोजन कक्ष में एक साथ बैठकर खाना खाने से परिवार में एकता और आपसी समझ में वृद्धि होती है। 

साथ ही, रसोई के आस-पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने से घर में स्वास्थ्य और खुशहाली बनी रहती है।

4 शयनकक्ष का सही चयन :


शयनकक्ष को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना उत्तम माना जाता है, जिससे घर में स्थिरता और शक्ति बनी रहती है। 

सही दिशा में सजा यह कमरा परिवार के सदस्यों को आराम प्रदान करता है और व्यक्तिगत तनाव को कम करता है। 

जब मन शांत रहता है, तो रिश्तों में समझदारी और सहानुभूति का संचार होता है।

5सजावट और रंगों का चयन :


घर की सजावट में प्राकृतिक तत्वों का समावेश करें। 

हरे पौधे, प्राकृतिक चित्र और हल्के रंग की दीवारें सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं। 

वास्तु के अनुसार, लाल, नारंगी और पीले जैसे जीवंत रंग रिश्तों में जोश और उत्साह लाते हैं, जबकि शांत और सूक्ष्म रंग शांति और संतुलन का अनुभव कराते हैं। 

सही रंगों का चयन परिवार के सदस्यों के मनोभावों में संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।

वैदिक वास्तु शास्त्र के अनुसार परिवार के सदस्यों में हो रहे हैं रोजाना झगड़े, से लाएं खुशियां :




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वैदिक वास्तु शास्त्र में गृह क्लेश से बचने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करने से व्यक्ति के जीवन से गृह क्लेश धीरे-धीरे खत्म होने लगता है। 

आइए जानते हैं कि वह कौन से उपाय हैं।

लग्न / शादी के बाद पति-पत्नी ही एक दूसरे के सुख-दुख के साथी होते हैं। 

दोनों का रिश्ता काफी प्यार भरा होता है। 

हालांकि, कई बार इस प्यार भरे रिश्ते में तकरार भी हो जाती है, लेकिन कहते हैं कि जहां प्यार होता है, वही तकरार होती है, लेकिन कई बार यह लड़ाई इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि चिंता का विषय बन जाता है। 

क्या आपने सोचा है कि इसके पीछे वास्तु दोष भी हो सकता है। 

वास्तु शास्त्र में गृह क्लेश से बचने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करने से व्यक्ति के जीवन से गृह क्लेश धीरे-धीरे खत्म होने लगता है। 

आइए जानते हैं कि वह कौन से उपाय हैं।

ईशान कोण को रखें साफ :


घर में सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए ईशान कोण को स्वच्छ रखना बेहद जरूरी है। 

ईशान कोण घर के उत्तर-पूर्व दिशा को माना जाता है। 

अगर इस दिशा में कूड़ा-करकट या फिर गंदगी है तो इसे तुरंत साफ कर लें। 

अव्यवस्था से घर में नकारात्मक ऊर्जा फैलती है। 

इस लिए इस जगह को हमेशा साफ रखें। यही नहीं, आप यहां पर देवी-देवताओं की मूर्ति भी स्थापित कर सकते हैं।

सेंधा नमक होगा कारगर :


कहा जाता है कि सेंधा नमक घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर देता है। 

अगर आपके घर में बार-बार और लगातार कलह-क्लेश हो रहा है तो आप भी यह उपाय कर सकते हैं। 

सेंधा नमक की छोटी-छोटी पोटलियां बनाकर उसे घर के एक-एक कोने में रख दें। 

इससे परिवार में हो रहे झगड़े कम होंगे और सदस्यों के बीच प्यार बढ़ेगा।

मुख्य द्वार रखें साफ :


घर का मुख्य द्वार हमेशा साफ रखना चाहिए। 

कहा जाता है कि घर के मुख्य द्वार से ही सारी ऊर्जाओं का संचार होता है।  

इस लिए मुख्य द्वार को हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए। 

आप खूबसूरत तोरण लगाकर इसकी सजावट भी कर सकते हैं। 

घर के मुख्य द्वार को साफ रखने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

भगवान की मूर्ति करें स्थापित :


घर में भगवान की मूर्ति स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 

यही नहीं, ध्यान देने की बात है कि कभी भी भगवान की मूर्ति को आमने सामने नहीं रखना चाहिए। 

ऐसा करने से परिवार में कलह की स्थिति उत्पन्न होती है। 

इस लिए हमेशा भगवान की मूर्ति को घर के मुख की तरफ करके रखना चाहिए।

!!!!! शुभमस्तु !!!

🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏

पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 ( तमिलनाडु )
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आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....

जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

वैदिक वास्तु शास्त्र विद्या : 11

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