वास्तु शास्त्र 03
वास्तु शास्त्र में घर पर शंख रखने पहले जान लें !
पहले जान लें घर पर शंख रखने का इसके नियम, नकारात्मक प्रभावों से रहेंगे दूर:
घर में शंख रखने से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियम होते हैं, जो घर में सकारात्मक प्रभाव लाते हैं।
आइए जानते हैं कि घर में शंख रखना क्यों आवश्यक है, इसे किस प्रकार रखना चाहिए, और इसके उपयोग से जुड़े नियम क्या हैं।
माना जाता है कि घर के वास्तु के अनुरूप नियमों का पालन करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
हालांकि अक्सर लोग इन बातों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे घर के वातावरण और परिवार के सदस्यों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
शंख रखने से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियम भी हैं, जो घर में सकारात्मक प्रभाव लाते हैं।
आइए जानते हैं कि घर में शंख रखना क्यों आवश्यक है, इसे किस प्रकार रखना चाहिए, और इसके उपयोग से जुड़े नियम क्या हैं।
शंख के प्रकार और उनका महत्व :
शंख मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं।
दक्षिणावर्ती शंख:
इसका मुख दाईं ओर खुलता है और इसे लक्ष्मी जी का स्वरूप माना जाता है।
यह पूजा के लिए उपयुक्त होता है।
वामावर्ती शंख:
इसका मुख बाईं ओर खुलता है।
यह दुर्लभ होता है और शिव जी को समर्पित माना जाता है।
इस प्रकार का शंख घर में रखने से पहले किसी विशेषज्ञ या पंडित से परामर्श अवश्य करना चाहिए।
शंख रखने की दिशा और स्थान :
शंख को हमेशा पूजा स्थल या घर की उत्तर - पूर्व दिशा ( ईशान कोण ) में रखा जाना चाहिए।
शंख रखने से पहले उस स्थान को साफ करके पवित्र करें।
इसे कभी भी सीधे जमीन पर न रखें, बल्कि साफ कपड़े या स्टैंड पर रखें।
शंख का मुख ऊपर की ओर होना चाहिए, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो।
शंख बजाने के विशेष नियम:
पूजा में उपयोग किए जाने वाले शंख को बजाने से बचना चाहिए।
घर में दो अलग - अलग शंख रखे जा सकते हैं—
एक पूजा के लिए और दूसरा बजाने के लिए।
पूजा के दौरान शंख में गंगाजल या पानी भरकर भगवान का अभिषेक करें।
शंख बजाने के लिए सुबह और शाम का समय उपयुक्त माना गया है।
शंख रखने के लाभ :
वास्तु दोष निवारण: शंख को उत्तर - पूर्व दिशा में रखने से वास्तु दोष समाप्त होते हैं।
धन और समृद्धि: इसे लक्ष्मी जी का प्रतीक मानते हुए पूजा स्थल पर रखने से धन-धान्य की वृद्धि होती है।
सकारात्मक ऊर्जा: शंख बजाने और उसमें भरे जल के छिड़काव से घर का वातावरण शुद्ध होता है।
स्वास्थ्य लाभ: आयुर्वेद के अनुसार, शंख का जल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है।
मानसिक शांति: शंख की ध्वनि तनाव कम करती है और मानसिक शांति प्रदान करती है।
शंख को सही तरीके से उपयोग में लाकर घर में शुभ ऊर्जा और समृद्धि का संचार किया जा सकता है।
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जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
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नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏
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